लाइफ अमेजिंग सीक्रेट यह किताब लिखा है गौरव गोपाल दास जी ने। इस ब्लॉग में जितना भी लिखा है वह केवल किताब को समझाने के लिए ही लिखा गया है। इसक...
इस ब्लॉग में जितना भी लिखा है वह केवल किताब को समझाने के लिए ही लिखा गया है। इसको केवल समझने के लिए ही ले।
अगर आपको किताब खरीदनी हो तो नीचे लिंक दिया हुआ है। इस ब्लॉग में जितना भी लिखा है वह केवल किताब को समझाने के लिए ही लिखा गया है। इसको केवल समझने के लिए ही ले।
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यह किताब हमारी लाइफ से जुड़ी कुछ अमेजिंग सीक्रेट के बारे में है।
हम लोगों ने तो यह सीख लिया है कि सक्सेस कैसे दिखें। पर यह नहीं जानते कि जीवन को कैसे जिए ताकि हमें सक्सेस को महसूस कर सकें।
जैसे एक कार चार पहियों पर बैलेंस रहता है, वैसे ही जीवन भी चार चीजों पर बैलेंस रहता है। जैसे कार के चारों पहिए में से एक में भी हवा कम हो तो कार डगमगा जाता है। उसी प्रकार अगर जीवन में चार चीजों में एक भी कम हो तो जिंदगी को जिने का मजा नहीं आता। जैसे गाड़ी के टायर में हवा पर्याप्त होना जरूरी है। वैसे ही हमें अपना एटीट्यूड में मेंटेन करना जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कि हम अपने एटीट्यूड को मेंटेन कर के लाइफ को कैसे जी सकते हैं।
1 पर्सनल लाइफ 》》 जैसे आप हो, वैसे ही आपको दुनिया दिखेगी। सभी लोग अपने-अपने नजरिए से दुनिया देखते हैं। जैसे हमारे लोह पुरुष श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का पूरी दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति बनाई गई है। अगर उस मूर्ति को बिजनेसमैन देखें तो उसे उसमें बिजनेस दिखेगा। अगर कोई आर्किटेक्चर देखे तो उसे उसमें डिजाइन दिखेगा। ऐसे ही सबका अलग अलग नजरिया होता है। दुनिया को देखने का दुनिया को अच्छे नजरिए से देखने के लिए पहले हमें अपने आप को बेहतर और अच्छा बनाना पड़ेगा और हमें जो कुछ भी मिला है, हमें उसी में खुश रहना चाहिए। हमें अपने दिमाग को सकारात्मकता से भरना चाहिए क्योंकि नकारात्मकता और समस्या तो सभी के जीवन में है।
2 संबंध 》》 आज के समय में सब जल्दी जल्दी हो सकता है। जल्दी खाना आ सकता है। जल्दी पैसे कमाए जा सकते हैं। जल्दी बिजनेस शुरू किया जा सकता है पर संबंध जल्दी नहीं बनाए जा सकते है। संबंध एक पौधे की तरह होता है जो धीरे-धीरे बढ़ता है sword और words वर्ड दोनों में सेम शब्द है। अगर इन दोनों का इस्तेमाल सही जगह ना किया जाए तो मुसीबत हो सकता है। जैसे एक योद्धा को तलवार चलाने से पहले उसे पता होता है कि तलवार कहा चलाना है। वैसे ही बोलने से पहले हमे पता होना चाहिए कि क्या बोलना है। इसलिए कुछ भी बोलने से पहले सोच लेना चाहिए।
3 वर्क लाइफहम 》》हम सभी एक दूसरे से कंपटीशन कर ते रहते हैं। जैसे एक दुकान दूसरी दुकान से, एक बिजनेसमैन दूसरी बिजनेसमैन से, एक स्टूडेंट दूसरे स्टूडेंट से आपस में कंपटीशन करते रहते हैं। यह सही बात नहीं है। एप्पल के फाउंडर स्टिव जॉब कहते हैं कि दूसरों से कंपटीशन करना अपने आप कि क्रिएटिविटी की हत्या करने के बराबर है। दूसरों से नहीं अपने आप से कंपटीशन करो अपने आप से बेहतर बनने की कोशिश करो।
4 सामाजिक योगदान 》》 पिघलती हुई आइसक्रीम और पिघलती हुई मोमबत्ती हमें काफी कुछ सिखाती है। आइसक्रीम यह सीख देती है कि जिंदगी पिघल जाए उससे पहले उसके मजे ले लो। और मोमबत्ती यह सीख देती है कि जिंदगी पिघल जाए उससे पहले दूसरों को प्रकाशित कर दो। एक हमें मतलबी बनाती है और एक हमें स्वार्थ रहित बनाती है। दोनों ही पिघलती है पर दोनों के मतलब अलग-अलग है। आपको तय करना है कि आप क्या बनना चाहते हैं?
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धन्यवाद
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