यह कहानी है सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की। इन्हे भारत का लोह पुरुष भी कहा जाता है। इनका जन्म 31अक्टूबर 1875 नाडियाड ( गुजरात ...
इनका जन्म 31अक्टूबर 1875 नाडियाड ( गुजरात ) मे हुआ था। इनके पिता जावेरभाई पटेल एक किसान थे। उनहो ने अपनी हाई स्कूल की पढाई एन.के. हाई स्कूल पेटलाड, गुजरात से 1897 मे पूरी की। बाद में उन्हो ने वकील की पढी पूरी की। बाद में वो गांधी जी से प्रभावित हुए ओर वो उन के साथ आ गए। एक बार किसान की सभी फसल खाराब हो गए तब ब्रिटिश सरकार ने 22% टैक्स देने की मांग करी या तो जमीन देने को कहा। तब सरदार वल्लभभाई पटेल न अपने कुफिया सूत्र से पता लगाया की किस का घर आज नीलाम होने वाला है तो पता चला की जमिन या तो साइन करने से या अंगुठा लगाने से ही उन की होगी। जिस की जमीन नीलम होने वाली होती थी सरदार पटेल उन को छुपा देते थे ओर एक माहिने बाद वापसी ला देते था। जिस के कारन ब्रिटिश सरकार को भहूत नुक्सान हुआ ओर वो धिरे-धिरे चले गये। ब्रिटिश सरकार के जाने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल प्रथम उप प्रधान मंत्री ओर भारत के पहले गृह मंत्री 1947 से 1950 तक रहे। इन्हो ने अकेले सभी राज्य को जोड़ा ओर भारत का निर्माण किया। इसलिये उन्हें भारत के लौह पुरुष कहा जाता है। और इन की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सबसे विशाल मूर्ति में आती है जोकी सरदार सरोवर बांध के पास गुजरात में है। दिल का दौहरा पड़ने से उनकी मृत्यु 15 दिसंबर1950 मे हुई।
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